⚖️ प्रस्तुतकर्ता — Delhi Law Firm® : आपका भरोसेमंद कानूनी साथी, जो पूरे भारत में न्याय और कानूनी जागरूकता के लिए समर्पित है
🏠 परिचय
Delhi Law Firm® में आपका स्वागत है — आपका भरोसेमंद कानूनी साथी, जो पूरे भारत में न्याय और कानूनी जागरूकता के लिए कार्यरत है।
आज हम एक बहुत ही संवेदनशील और विचारोत्तेजक विषय पर चर्चा कर रहे हैं —
अगर कोई पति अपनी पत्नी के साथ विश्वासघात करता है और किसी अन्य महिला के साथ संबंध बनाता है,
तो क्या पत्नी उस महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है?
क्या वह अपने अपमान, मानसिक पीड़ा और भावनात्मक आघात के लिए मुआवज़ा मांग सकती है?
🧾 दिल्ली हाईकोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है जिसने पूरे देश में चर्चा छेड़ दी है।
न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरेव ने कहा कि यदि किसी विवाह का टूटना किसी तीसरे व्यक्ति की वजह से होता है,
या पत्नी अपने वैवाहिक अधिकारों से वंचित हो जाती है,
तो वह उस तीसरे व्यक्ति के खिलाफ सिविल अदालत में हर्जाने का दावा कर सकती है।
इस टिप्पणी ने यह बड़ा सवाल उठाया है कि क्या वैवाहिक संबंधों में भावनात्मक आघात और विश्वासघात के लिए कानूनी मुआवज़ा संभव है।
यह टिप्पणी उस मामले में आई, जिसमें एक महिला ने अपने पति पर अवैध संबंध का आरोप लगाया और उसकी प्रेमिका से ₹4 करोड़ का हर्जाना मांगा।
⚖️ कानूनी पृष्ठभूमि — व्यभिचार और कानून
2018 तक व्यभिचार (Adultery) भारतीय दंड संहिता की धारा 497 के तहत एक आपराधिक अपराध था।
लेकिन ऐतिहासिक निर्णय Joseph Shine बनाम भारत संघ में
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया, यह कहते हुए कि
यह नैतिक रूप से गलत हो सकता है, लेकिन इसे अपराध नहीं माना जा सकता।
हालांकि, व्यभिचार अभी भी तलाक का एक वैध आधार है।
अब दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है —
भले ही व्यभिचार अपराध नहीं है, लेकिन यदि कोई तीसरा व्यक्ति जानबूझकर किसी विवाह को नुकसान पहुँचाता है,
तो उसके सिविल परिणाम (Civil Consequences) हो सकते हैं।
यह एक नई कानूनी चर्चा खोलता है — भावनात्मक न्याय और वैवाहिक उत्तरदायित्व पर।
💡 प्रभाव और भविष्य की दृष्टि
यह मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता, नैतिक जवाबदेही और विवाह की कानूनी सुरक्षा पर राष्ट्रीय बहस को जन्म दे चुका है।
यदि अदालत पत्नी के पक्ष में निर्णय देती है,
तो यह भारत का पहला ऐसा मामला होगा जिसमें
किसी तीसरे व्यक्ति को वैवाहिक संबंध को नुकसान पहुँचाने के लिए हर्जाना देने का आदेश दिया जा सकता है।
📣 Delhi Law Firm® का कानूनी जागरूकता संदेश
Delhi Law Firm® का मानना है कि बदलते कानूनों और न्यायिक व्याख्याओं की जानकारी प्रत्येक नागरिक तक पहुँचना आवश्यक है,
ताकि लोग अपने अधिकारों और कानूनी उपायों के बारे में जागरूक रहें।
यदि आप या आपका कोई परिचित विवाह, व्यभिचार या अलगाव जैसी समस्या का सामना कर रहा है,
तो हमारी कानूनी टीम आपको मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर है।
📞 हेल्पलाइन: 9990649999
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