सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: दो बालिग अपनी मर्जी से Court Marriage कर सकते हैं, कोई रोक नहीं सकता

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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: दो बालिग अपनी मर्जी से Court Marriage कर सकते हैं

आज हम एक बेहद महत्वपूर्ण फैसले पर बात करने जा रहे हैं, जो खासकर उन युवाओं के लिए ज़रूरी है जो अपनी मर्ज़ी से court marriage करना चाहते हैं लेकिन परिवार या समाज के विरोध का सामना करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि यदि दो बालिग अपनी इच्छा से शादी करना चाहते हैं, तो किसी भी परिवार, रिश्तेदार, समाज या खाप पंचायत को यह अधिकार नहीं है कि वे उन्हें रोकें, धमकाएं या उनके फैसले में दखल दें।

Delhi Law Firm में आपका स्वागत

हम court marriage और उससे जुड़े आपके कानूनी अधिकारों को सबसे सरल भाषा में बताते हैं ताकि हर व्यक्ति अपने अधिकार और सुरक्षा को समझ सके।

🔹 Shakti Vahini v. Union of India — Supreme Court का Landmark Judgment

Speaker 2:
Supreme Court के इस ऐतिहासिक फैसले में कहा गया कि दो वयस्कों की स्वतंत्र सहमति ही शादी के लिए पर्याप्त है। Court marriage के लिए आपको किसी की अनुमति की ज़रूरत नहीं— ❌ परिवार की अनुमति ❌ समाज की अनुमति ❌ पंचायत या खाप पंचायत की अनुमति कुछ भी ज़रूरी नहीं। आपकी इच्छा ही कानून है।

Speaker 1:
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शादी का निर्णय किसी व्यक्ति की गरिमा (dignity) और उसकी व्यक्तिगत पसंद का हिस्सा है। किसी भी प्रकार का दबाव, धमकी, रोकना या हिंसा — यह सब आपके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

🔹 Court Marriage Couples की सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी

Court marriage करने वाले जोड़ों को सुरक्षा देना पूरी तरह पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर कोई परिवार या समाज धमकाता है, तो पुलिस को तुरंत सुरक्षा देनी होती है।

Supreme Court ने राज्यों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि:

  • Court marriage करने वाले बालिग जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
  • किसी भी पंचायत या भीड़ को कानून हाथ में लेने से रोका जाए
  • धमकाने या दबाव डालने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाए

🔹 खाप पंचायत या कोई भी समूह कानून से ऊपर नहीं

खाप पंचायत, काउंसिल, फैमिली मीटिंग—किसी भी नाम से— किसी को धमकाना, बेइज्ज़त करना, शादी रुकवाना या दबाव डालना पूरी तरह गैरकानूनी है।

अगर आपको खतरा महसूस हो रहे हैं, तो आप तुरंत पुलिस सुरक्षा मांग सकते हैं।

🔹 Court Marriage हर वयस्क का मौलिक अधिकार है

चाहे जाति अलग हो, धर्म अलग हो या परिवार विरोध करता हो— कानून हमेशा आपकी स्वतंत्र पसंद (free consent) का सम्मान करता है। “इज़्ज़त”, “परंपरा”, “समाज”—इनके नाम पर किसी प्रकार का गलत दबाव डालना अपराध है।

🔹 Delhi Law Firm आपकी सहायता के लिए हमेशा तैयार

हम court marriage करने वाले जोड़ों की सहायता, कानूनी मार्गदर्शन और पुलिस सुरक्षा की प्रक्रिया में पूरा सहयोग प्रदान करते हैं।

अगर आपको— ✔ परिवार से खतरा है ✔ पुलिस सुरक्षा की ज़रूरत है ✔ कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया जाननी है ✔ या कानूनी सहायता चाहिए तो हमसे बेझिझक संपर्क करें।

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